यहां बिना बेहोश किये कर दिये महिलाओं के नसबंदी के आपरेशन, असहनीय दर्द झेल करवाया आपरेशन, बाद में वीडियो किया वायरल, जाने कहां का है मामला……..

बिना बेहोश किये कर दिये महिलाओं के नसबंदी के आपरेशन
बिहार के खगड़िया ज़िले के अलौली प्रखंड का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आजकल सवालों के घेरे में है।
12 नवंबर को यहां 23 महिलाओं की नसबंदी का ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद एक मरीज़ कुमारी प्रतिमा का वीडियो वायरल हो गया था।
प्रतिमा का कहना था कि बिना एनेस्थीसिया दिए उनका ऑपरेशन कर दिया गया।
स्थानीय मीडिया में कुमारी प्रतिमा के इस बयान के बाद से ही ज़िले का प्रशासनिक अमला मामले की जांच में लगा हुआ है।
इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए ज़िम्मेदार डॉक्टर्स और एनजीओ पर कार्रवाई की मांग की है।

30 साल की कुमारी प्रतिमा अलौली के वार्ड संख्या 8 में ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। अलौली जैसी छोटी सी जगह में वो इस पेशे के चलते जाना पहचाना नाम हैं। लेकिन आजकल उनके चर्चा में आने की वजह एक वीडियो है।
तीन बच्चों की मां प्रतिमा ने भी 12 नवंबर को अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ऑपरेशन कराया था।
वो बताती हैं, “दोपहर दो बजे हम रिक्शे से स्वास्थ्य केन्द्र गए थे। वहां जाने पर बाजू में सुई दी थी जिसका मुझ पर कोई असर नहीं हुआ, उसके बाद हम ऑपरेशन थिएटर में गए, वहां चार बेड थे जिसमें दो बेड पर महिलाएं दर्द से चिल्ला रही थीं। हमने नर्स से पूछा तो उसने कहा कि वो महिला नशा करती हैं, इसलिए उनको दर्द हो रहा है। तुम नशा नहीं करती हो, तो तुम्हें दर्द नहीं होगा।”
वो आगे बताती हैं, “लेकिन जब डॉक्टर ऑपरेशन करने लगे तो मुझे असहनीय दर्द उठा, मैंने डॉक्टर साहब से ऑपरेशन बंद करने के लिए कहा और दर्द के मारे चीखने लगी, इस पर डॉक्टर ने चार-पांच आदमियों को बुलाया और मुझे पकड़कर ऑपरेशन कर दिया। और बाद में कमर पर सुई लगा दी।” प्रतिमा के तीनों बच्चे नॉर्मल डिलीवरी से हुए है और एपेन्डिक्स का ऑपरेशन हो चुका है। वो कहती हैं, “मुझे मालूम है दर्द क्या होता है, मुझे दर्द वाली सुई ऑपरेशन से पहले नहीं दी गई थी।
खेती किसानी करने वाले प्रतिमा के पति राजीव कहते हैं, “हम तो सरकारी अस्पताल सोचकर गए थे, हमें नहीं मालूम था एनजीओ वाला ऑपरेशन करता है, ये तो मरते-मरते बची है और इसका इलाज अब प्राइवेट चलेगा।