हल्द्वानी:कारोबारी विकाश की हत्या में साथ देने पर नाबालिग को 18 साल की सजा

हल्द्वानी:कारोबारी विकाश की हत्या में साथ देने पर नाबालिग को 18 साल की सजा
हल्द्वानी:-
कारोबारी विकास अग्रवाल की हत्या में साथ देने पर नाबालिग को कोर्ट ने 18 साल की सजा सुनाई। वहीं मुख्य आरोपी को पहले ही आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है। हत्या का कारण रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद था।
बताते चले 20 नवंबर 2017 को मुखानी में बिजली के सामान का कारोबार करने वाले विकास अग्रवाल का शव कमलुवागांजा भरतपुर क्षेत्र में मिला था। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि रुपये के लेनदेन के विवाद को लेकर तहसीम निवासी किच्छा और गुलफाम निवासी काजीबाग काशीपुर ने उसकी हत्या की साजिश रची। तहसीम को विकास के एक लाख रुपये देने थे। तहसीम रुपये देने में आनकानी कर रहा था। विकास ने जब बार-बार रुपये देने को कहा तो उसने अपने साथी गुलफाम के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। वारदात के समय गुलफाम की उम्र 17 साल थी। उसने 20 हजार रुपये के लालच में तहसीम का साथ दिया। अदालत तहसीम को साल 2022 में आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है। इधर, पॉक्सो न्यायालय में गुलफाम की सुनवाई जारी रही। अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामले में नौ गवाह पेश किए गए थे। हत्या क्रूर तरीके से की गई थी। गुलफाम वारदात के समय नाबालिग था। नियम के अनुसार नाबालिग को उम्र कैद और फांसी की सजा नहीं दी जा सकती है। साथ ही 16 साल से ज्यादा और 18 साल से कम उम्र के नाबालिग पर अपराध के मामले में सजा सुनाई जा सकती है। पॉक्सो जज नंदन सिंह ने गुलफाम को बृहस्पतिवार को 18 साल की सजा सुनाई और साथ ही उसके ऊपर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पुलिस ने गुलफाम पर धारा 302/34 समेत अन्य के तहत मुकदमा दर्ज किया था।