Chandra Grahan 2025 Live: कल लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें भारत में सूतक काल का समय
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7 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा, जो भारत में दिखाई देगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसे अशुभ काल माना जाता है और सूतक काल भी मान्य होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से इसका असर 12 राशियों और 27 नक्षत्रों पर पड़ेगा, जिससे कुछ लोगों को लाभ होगा और कुछ को सावधानी बरतनी होगी
चंद्र ग्रहण में क्या करें?
- ग्रहण काल में भगवान का स्मरण और मंत्र जाप करें। चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान लगाना चाहिए। जब ग्रहण लगे तो भगवान के मंत्रों का जाप करें या पूजा करें। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ग्रहण के दौरान नकारात्मकता काफी बढ़ जाती है। ऐसे में नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए भगवान का नाम जपना चाहिए।
- खाने में तुलसी के पत्ते रखें। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते रख देने चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, तुलसी के पत्ते रखने से खाना अशुद्ध नहीं होता और इसका बाद में सेवन किया जा सकता है।
- ग्रहण के दौरान ध्यान और साधना करना बेहद लाभकारी होता है। वहीं ग्रहण के बाद स्नान करें और दान-पुण्य अवश्य करें।
क्या चंद्र ग्रहण में कर सकते हैं श्राद्ध
चूंकि ग्रहण का साया भारत पर बना हुआ है, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। ऐसे में 7 सितंबर 2025 को सूतक काल दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा। इसके प्रारंभ होने पर किसी भी तरह की शुभ काम, खरीदारी, पूजा-पाठ, मंदिरों में जाना आदि कार्य नहीं करने चाहिए। इसलिए आप इस दिन दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से पहले पहले श्राद्ध, पिंडदान, पवित्र नदियों में स्नान व तर्पण आदि पुण्य काम कर सकते हैं।
श्राद्ध और चंद्र ग्रहण
ज्योतिषियों के मुताबिक 7 सितंबर 2025 को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि है और इसी दिन से पितृपक्ष की शुरुआत होगी। इस दिन रात 9 बजकर 58 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगने वाला है, जो देर रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। बड़ी बात यह है कि यह ग्रहण भारत में नजर आएगा।
Chandra Grahan Live: वृषभ , तुला और कुंभ राशि वाले रहे सावधान

वृषभ राशि: स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, व्यापार में रुकावट या नुकसान संभव है।
तुला राशि: मानसिक तनाव बढ़ सकता है, पैसे से जुड़ी हानि हो सकती है।
कुंभ राशि: इस राशि पर ग्रहण का सीधा प्रभाव है, समय बहुत संवेदनशील है, संभलकर रहना जरूरी है।
ग्रहण का ज्यादा प्रभाव किस पर पड़ता है?
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष
सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भवती को घर के अंदर रहना चाहिए। धारदार चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए और ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए। बुजुर्गों और बच्चों को भी इस दौरान कुछ सावधानी बरतनी चाहिए।
Chandra Grahan Live: क्या होता है ब्लड मून
ब्लड मून पूर्ण चंद्रग्रहण के समय होता है, जब पृथ्वी सूरज और चंद्रमा के बीच आ जाती है और सूरज की सीधी रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंचती। तब भी कुछ लाल-नारंगी रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से मुड़कर चंद्रमा तक पहुंचती है, जिससे वह लाल या तांबे जैसे रंग का दिखता है।
Sutak Kaal Niyam: सूतक काल के नियम
- सूतक काल में पूजा-पाठ करने से परहेज करना चाहिए।
- इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए ताकि वे और घर दोनों सुरक्षित रहें।
- सूतक काल में बाल काटना या नाखून काटना उचित नहीं माना जाता है। इस समय शरीर की सफाई से जुड़ी ये चीजें टालनी चाहिए।
- खाने-पीने की सभी वस्तुओं में सूतक काल के दौरान तुलसी के पत्ते डालने चाहिए, क्योंकि इससे उस भोजन में पवित्रता बनी रहती है।
- इस समय भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए और अपने इष्ट देवता का स्मरण करते रहना चाहिए, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए
: चंद्र ग्रहण में कुशा का महत्व
- ग्रहण की अवधि में सोना नहीं चाहिए।
- बाल या नाखून भी नहीं काटना चाहिए।
- ग्रहण में रसोई का कोई काम नहीं करना चाहिए।
- भोजन ग्रहण भी नहीं करना चाहिए।
धार्मिक शास्त्रों में कुशा को अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। एक मान्यता के अनुसार, यह माता सीता के केशों से उत्पन्न हुई थी, जबकि दूसरी मान्यता में कहा गया है कि यह भगवान विष्णु के वामन अवतार के दौरान गिरे हुए बालों से उत्पन्न हुई। इसी कारण ग्रहण काल जैसे विशेष और संवेदनशील समय में कुशा का उपयोग पूजा, मंत्र जाप और अन्य धार्मिक कार्यों में शुद्धता बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला और शुभ फल देने वाला माना जाता है।
गर्भवती महिला इन बातों का रखे ध्यान
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- गर्भवती महिला को घर के अंदर रहना चाहिए।
- धारदार चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए
- ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए।
- बुजुर्गों और बच्चों को भी इस दौरान कुछ सावधानी बरतनी चाहिए।