नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं — सुषिला कार्की
नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुषिला कार्की — काठमांडू, 13 सितंबर 2025
काठमांडू, 13 सितंबर 2025 — प्रकाशित: 13 सितंबर 2025
लेख: विशेष रिपोर्ट | स्रोत: क्षेत्रीय संवाददाता

भ्रष्टाचार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बीच, पूर्व सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुषिला कार्की को 12 सितंबर 2025 को नेपाल का अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 51 लोगों की मौत और 1,300 से अधिक घायल हुए हैं। सरकार पर सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की कमी पर जनता का गुस्सा फूटा।
प्रदर्शनों का पृष्ठभूमि
नेपाल में हालिया विरोध प्रदर्शन मुख्यतः युवा और जेन जेड समूहों द्वारा संचालित थे। विवादास्पद सामाजिक मीडिया प्रतिबंध के बाद प्रदर्शन तेज हुए, जिनकी मांगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कार्रवाई और सोशल मीडिया पर लगी पाबंदियाँ हटाने की मांग प्रमुख थी। यही दबाव प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे और संसद के अस्थायी विघटन का कारण बना।
सुषिला कार्की की नियुक्ति और मैकेनिज्म
73 वर्षीय सुषिला कार्की को सेना प्रमुख की मध्यस्थता व सहमति के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है। उनका कार्यकाल प्रस्तावित रूप से 5 मार्च 2026 को आयोजित होने वाले आम चुनावों तक रहेगा। नागरिक समाज व युवा समूहों ने उनकी न्यायिक स्वतंत्रता और ईमानदारी के आधार पर उनकी नियुक्ति का समर्थन किया है।
प्रमुख जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ
- प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुई हिंसा की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराना।
- देश में बढ़ते भ्रष्टाचार मामलों की जांच और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
- राजनीतिक स्थिरता बहाल कर चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराना।
- सोशल मीडिया नीतियों पर संतुलित और संवैधानिक सुधार लागू करना।
ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्त्व
कार्की की नियुक्ति नेपाल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है — पहली बार कोई महिला प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही है। इसे लैंगिक समानता के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, साथ ही यह सुधार व शासन-प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक नई शुरुआत मानी जा रही है।
स्थिति का ताज़ा हाल
अभी देश में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और सुरक्षा बलों तथा नागरिक समूहों के बीच संवेदनशील संवाद आवश्यक है। अंतरिम सरकार के पहले कदमों में हिंसा के मामलों की जांच त्वरित रूप से कराना और चुनाव के लिए आवश्यक प्रशासनिक तैयारी करना अपेक्षित है।