हल्द्वानी में भारी बारिश का कहर: यातायात ठप, जनजीवन प्रभावित

उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मोटाहल्दू बाईपास के पास गन्ना सेंटर क्षेत्र में पेड़ों के गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जिसके चलते यातायात पूरी तरह ठप रहा। स्कूल बसों और अन्य वाहनों के जाम में फंसने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रशासन और वन विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू की, लेकिन स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है।
1. पेड़ गिरने से सड़क अवरुद्ध
• बारिश और जाम के कारण स्कूल बसें समय पर बच्चों को स्कूल नहीं पहुंचा सकीं।
• अभिभावकों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
• कई स्कूलों ने अभिभावकों को बच्चों को जल्दी घर ले जाने की सलाह दी|
3. ग्राम प्रधान की मांग
• स्थानीय ग्राम प्रधान ने वन विभाग और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
• उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में पेड़ों की छंटाई और सड़क किनारे की सफाई पहले ही कर दी जानी चाहिए थी।
• ग्राम प्रधान ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे।
4. प्रशासन का प्रयास
• लोक निर्माण विभाग और वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर पेड़ हटाने और सड़क साफ करने में जुटीं।
• अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण कार्य में देरी हो रही है, लेकिन जल्द ही स्थिति सामान्य होगी।
• हल्द्वानी पुलिस ने यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया।
5. स्थानीय निवासियों में रोष
• गन्ना सेंटर और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए।
• लोगों का कहना है कि हर साल बारिश में ऐसी समस्याएं होती हैं, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता।
• कुछ निवासियों ने सड़कों की खराब स्थिति और जलभराव को भी समस्या का प्रमुख कारण बताया।
6. मौसम विभाग की चेतावनी
• मौसम विभाग ने हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में अगले 24 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
• लोगों से सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है।
• प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
प्रभावित क्षेत्र
मोटाहल्दू बाईपास: मुख्य रूप से गन्ना सेंटर के पास सड़क अवरुद्ध।हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग: बारिश और भूस्खलन के कारण आंशिक रूप से प्रभावित।
आसपास के ग्रामीण क्षेत्र: जलभराव और सड़क क्षति की समस्या।