“नेपाल में Gen- Z की जीत: प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दिया, सोशल मीडिया बैन हटाया”
📝 (Excerpt):
नेपाल में Gen Z के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए बैन के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन अब तक 20 से अधिक लोगों की जान ले चुका है। सरकार ने बैन को हटा लिया है और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है।
📰 मुख्य खबर:
Gen Z का आंदोलन: एक नई राजनीतिक चेतना
नेपाल में हाल ही में हुए Gen Z प्रदर्शनों ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। यह प्रदर्शनों की शुरुआत तब हुई जब सरकार ने 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि Facebook, Instagram, WhatsApp, YouTube, और X (पूर्व में Twitter), पर बैन लगा दिया था। सरकार का कहना था कि ये प्लेटफॉर्म्स पंजीकरण में विफल रहे हैं, जबकि आलोचकों का मानना था कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
प्रदर्शनकारियों ने इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह बैन सरकार की भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ उनकी आवाज़ को दबाने का प्रयास था।
हिंसक प्रदर्शनों के बाद सरकार ने लिया फैसला
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। इस हिंसा के बाद सरकार ने बैन को हटा लिया और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही गृह मंत्री रमेश लेखक ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया। सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और घायलों का मुफ्त इलाज करने की घोषणा की है।
Gen Z की ताकत और लोकतांत्रिक अधिकारों की जीत
यह घटना नेपाल में युवाओं की शक्ति और लोकतांत्रिक अधिकारों की जीत मानी जा रही है। Gen Z ने यह साबित कर दिया कि वे केवल ऑनलाइन नहीं, बल्कि सड़कों पर भी अपने अधिकारों के लिए लढ़ने को तैयार हैं।
Gen-Z कौन है?
Generation Z, जिसे Gen-Z या Zoomers भी कहा जाता है, वे लोग हैं जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए।
यह पहली पीढ़ी है जिसने बचपन से ही इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया।
👉 खासियतें:
ऑनलाइन दुनिया इनके लिए सामान्य है।
यह पीढ़ी समाज और राजनीति के प्रति अधिक जागरूक और मुखर है।
न्याय, पारदर्शिता और समान अधिकार इनके मुख्य मुद्दे हैं।
विरोध का नया तरीका – हैशटैग कैंपेन, वायरल वीडियो और ऑनलाइन आंदोलन।