Shraddha Murder Case के बाद अब Jaipur और Sahibganj में भी टुकड़े टुकड़े जैसी ही वारदात

Shraddha Murder Case के बाद अब Jaipur और Sahibganj में भी टुकड़े टुकड़े जैसी ही वारदात
श्रद्धा हत्याकांड जैसी डबल वारदात से देश सन है। जयपुर और झारखंड के साहिबगंज में अपनों की हत्या की गई और शव को ठिकाने लगाने के लिए टुकड़े टुकड़े किए गए।श्रद्धा हत्याकांड की गुत्थी अभी सुलझी नहीं और ऐसे ही सन्न करने वाली टुकड़े टुकड़े कर हत्या वाली डबल वारदात से देश दहल उठा।
जयपुर और झारखंड के साहिबगंज में भी ऐसा ही अपराध हुआ।साहब गंज में दिलदार अंसारी आदिवासी लड़की रूबी का पहाड़ी की हत्या का 12 टुकड़े की और शव को जंगलों में फेंक दिया।दिलदार से 2 साल के प्यार के बाद रूबिका से दूसरी शादी की थी लेकिन फिर जाने ऐसा क्या हुआ की आपने ही प्यार को 12 टुकड़ों में बिखेर दिया।घरवालों ने जब कुछ दिन रूबिका को नहीं देखा तो पुलिस के पास शिकायत की।तो तब जाकर दिलदार का चेहरा दुनिया के सामने आया। कुछ ऐसी ही वारदात जयपुर में हुई जहाँ भतीजे ने अपनी ही चाची की हत्या कर टुकड़े टुकड़े कर दिए। घटना 11 दिसंबर की शहर से बाहर जाने को लेकर अनुज की चाची से झगड़ा हुआ। बात इतनी बढ़ी कि गुस्से में अनुज ने अपनी 64 साल की चाची के सिर पर हथौड़ा मार दिया।
चाची की मौके पर ही मौत हो गई। फिर अनुज चाची का शव बाथरूम खींचकर लाएं और चाकू से शव को काटने लगा। जब शव नहीं कटा तो बाजार से मार्बल कटर लाया और चाची के शव को 10 टुकड़े कर सूटकेस और बाल्टी में भर दिया और जंगलों में फिर एक आया। लेडी का जो भतीजा था, उसके द्वारा जो कतल किया गया की भाई ये महिला यहाँ पर गयी है वहाँ पर गयी है वो जब कदमों में विरोधाभास आने लग गया और उसमें जब झूठ सामने आने लग गया तब ये शक की सुई बढ़ती गई और इन छोटी छोटी कड़ियों को जोड़ते हुए जब एक कन्सिडर्ड एबल फैक्ट सा चूके थे, उसके बाद जो सस्पेक्ट है, जो इसमें इस केस में कंप्लेंट ऐन्टी है, उसे करके उसे ज्ञान अनुसंधान किया गया और दौरान ए पूछ्ताछ फिर उसने ये सारी बात बताई कि किस प्रकार से उसने एक छोटे से विवाद को लेकर अपनी ताई जी का मर्डर किया।चाची की हत्या कारण उसने खुद पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत की, लेकिन किचन में खून के धब्बे साफ करते वक्त उसकी पोल खुल गई। चाची की बेटी है उसे खूब साफ करते वक्त देख लिया।अब अनुज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कुछ शव के टुकड़े भी बरामद हुए हैं। कुछ की तलाश जारी है।
आखिर ये क्या हो रहा है? क्या संवेदना खत्म हो गई? क्या खून का खौफ नहीं रह गया? क्या रिश्तों की गर्माहट इस कदर जम गई है कि अपनों को ही बेरहमी से मार दे? टुकड़े टुकड़े कर दें।