Nissan: निसान ने जापान में 1.1 अरब डॉलर की ईवी बैटरी फैक्ट्री की योजना रद्द की, जानें क्या है वजह

निसान मोटर कंपनी ने घोषणा की है कि वह जापान में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) बैटरी बनाने की अपनी बड़ी योजना पर अब आगे नहीं बढ़ेगी।
निसान मोटर कंपनी ने घोषणा की है कि वह जापान में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) बैटरी बनाने की अपनी बड़ी योजना पर अब आगे नहीं बढ़ेगी। निक्केई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जापान की तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी इन दिनों आर्थिक परेशानियों से जूझ रही है। जनवरी में निसान ने बताया था कि उसे किटाक्यूशू, जापान के दक्षिणी हिस्से में, लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) बैटरी बनाने वाली फैक्ट्री बनाने की इजाजत मिल गई है।
लेकिन अब कंपनी ने इस 1.1 अरब डॉलर की योजना को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। निसान ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “कंपनी अभी अपनी स्थिति सुधारने के लिए तुरंत बदलाव के कदम उठा रही है और सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। निवेश की लागत और मुनाफे को ध्यान में रखते हुए हमने फुकुओका प्रान्त के किटाक्यूशू शहर में LFP बैटरी प्लांट का निर्माण रद्द करने का फैसला किया है।”
ईवी सेक्टर की उम्मीद पर पानी फिरा
जनवरी 2025 में निसान ने अपनी इलेक्ट्रिफिकेशन स्ट्रैटेजी का एलान किया था, जिसमें क्यूशू में एक LFP बैटरी प्लांट शामिल था। निसान जापान की नंबर 1 ईवी निर्माता कंपनी है और वह इलेक्ट्रिक गाड़ियों के क्षेत्र में बड़ा विस्तार करना चाहती थी। योजना के तहत कंपनी अप्रैल 2025 से प्लांट का निर्माण शुरू करना चाहती थी और 2028 तक बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने की तैयारी थी।
जापान के व्यापार और उद्योग मंत्रालय (Meti) के मुताबिक, इस प्लांट की उत्पादन क्षमता लगभग 5 गीगावॉट-घंटे (GWh) होनी थी। इसके साथ ही करीब 500 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद थी। लेकिन अब यह पूरा प्लान ठंडे बस्ते में चला गया है।
नई लीडरशिप, लेकिन समस्याएं वही पुरानी
निसान ने हाल ही में नेतृत्व में बदलाव किया है। अब सीईओ का पद इवान एस्पिनोसा ने संभाला है, जो माकोटो उचिदा की जगह आए हैं। निसान का होंडा के साथ मर्जर होने वाला था, लेकिन आखिरी समय में वह डील टूट गई। इसके बाद बोर्ड ने उचिदा को हटाने का फैसला लिया और नई लीडरशिप को मौका दिया।
इस महीने निसान अपनी वित्तीय वर्ष 2024-25 की कमाई की रिपोर्ट पेश करेगा। लेकिन कंपनी पहले ही बता चुकी है कि उसे इस साल करीब 5.3 अरब डॉलर का घाटा होने की आशंका है। नए सीईओ एस्पिनोसा ने एक बयान में कहा, “हम इस साल बड़े नुकसान की उम्मीद कर रहे हैं, जिसका मुख्य कारण कंपनी की संपत्तियों का मूल्य घट जाना और पुनर्गठन की लागत है। क्योंकि हम कंपनी को स्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।