देहरादून में बादल फटने से तबाही

देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में 15-16 सितंबर 2025 की रात को हुई बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। यह घटना मॉनसून की भारी बारिश के कारण हुई, जिससे भारी मलबा बहा और नुकसान हुआ। नीचे इस घटना का विस्तृत स्टेप बाय स्टेप विवरण दिया गया है, जो विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से संकलित है।स्टेप 1: घटना का आरंभ (समय: रात 11:30 बजे के आसपास)
- सोमवार (15 सितंबर 2025) की देर रात सहस्रधारा के कारलीगाड़ (कार्डीगाड़) क्षेत्र में भारी बारिश शुरू हो गई।
- अचानक तेज बारिश के कारण बादल फटने जैसी स्थिति बन गई, जिससे ऊपरी पहाड़ी इलाकों से भारी मात्रा में मलबा और पानी नीचे की ओर बहने लगा।
- मुख्य बाजार और आईटी पार्क के पास सॉन्ग नदी और तमसा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। स्थानीय लोग दहशत में आ गए, क्योंकि रात का समय होने से दृश्यता कम थी।
स्टेप 2: मलबा बहना और प्रारंभिक नुकसान (समय: रात 11:30 से 12:30 बजे के आस पास
- कारलीगाड़ से निकला मलबा सहस्रधारा के मुख्य बाजार में पहुंच गया, जहां 2-3 बड़े होटल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
- एक मार्केट में 7-8 दुकानें ध्वस्त हो गईं, और आसपास की सड़कें मलबे से भर गईं।
- तमसा नदी में उफान आने से आसपास के मंदिर, घाट और अन्य संरचनाएं पानी में डूब गईं। आईटी पार्क क्षेत्र में भी भारी मलबा आया, लेकिन वहां तत्काल कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
- इस दौरान करीब 100 लोग फंस गए, जिनमें पर्यटक, स्थानीय निवासी और दुकानदार शामिल थे।
स्टेप 3: लापता लोगों की सूचना और प्रारंभिक बचाव प्रयास (समय: रात 12:30 से 2:00 बजे)
- घटना के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस ने बचाव कार्य शुरू किया। फंसे हुए 100 लोगों को गांव वालों ने सकुशल निकाला और सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया।
- कारलीगाड़ क्षेत्र में 1-2 लोगों के लापता होने की खबर आई, जिनकी तलाश रात भर जारी रही। अभी तक उनकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बचाव टीमें सक्रिय हैं।
- रात 2 बजे आपदा कंट्रोल रूम को सूचना मिली, जिसके बाद एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और फायर ब्रिगेड की टीमें रवाना हुईं। हालांकि, रास्ते पर भारी मलबा होने से वे तुरंत नहीं पहुंच पाईं।
स्टेप 4: सरकारी और प्रशासनिक प्रतिक्रिया (समय: रात 2:00 बजे से सुबह तक)
- जिला प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य तेज कर दिए। जिलाधिकारी सविन बंसल ने खुद कमान संभाली और एसडीएम कुमकुम जोशी को घटनास्थल भेजा।
- एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें देहरादून बुलाई गईं। लोक निर्माण विभाग की जेसीबी मशीनें रास्ता साफ करने में लगी रहीं।
- पुलिस ने आईटी पार्क और नदी किनारे रहने वालों को सतर्क किया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का आदेश दिया। रायपुर थानाध्यक्ष गिरीश नेगी ने स्थिति को नियंत्रित बताते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया।
- आईआरएस सिस्टम से जुड़े अधिकारी भी राहत कार्यों में शामिल हुए।
स्टेप 5: सुबह के अपडेट और आगे की कार्रवाई (16 सितंबर 2025 की सुबह)
- सुबह होते ही बचाव कार्य और तेज हो गए। मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश जारी है। अभी तक कोई मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन 2 लोग लापता हैं।
- मौसम विभाग ने देहरादून समेत कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया, जिसके चलते कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल बंद रखे गए।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं, हालांकि उनका सीधा बयान अभी नहीं आया। जिला प्रशासन ने सभी विभागों को अलर्ट मोड में रखा है।
- आसपास के इलाकों जैसे मसूरी के झड़ीपानी में भी भारी बारिश से अलग घटनाएं हुईं, जहां एक मजदूर की मौत हो गई, लेकिन यह सहस्रधारा से जुड़ी नहीं है।
कुल नुकसान का आकलन
- संपत्ति: 2-3 होटल, 7-8 दुकानें क्षतिग्रस्त; सड़कें और नदियां प्रभावित।
- मानवीय: 2 लापता, 100 से अधिक लोग सुरक्षित निकाले गए; कोई मौत की पुष्टि नहीं।
- राहत कार्य जारी हैं, और स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन भारी बारिश की चेतावनी बरकरार है। अधिक अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों का सहारा लें।