काशिश हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हल्द्वानी में उबाल, सड़कों पर उतरा जनसैलाब

दिनांक और अपडेट: 18 सितंबर 2025 (गुरुवार) – हल्द्वानी में आज भारी प्रदर्शन हुए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला 15 सितंबर 2025 को आया था, जिसके बाद पिथौरागढ़, देहरादून और अब हल्द्वानी में आक्रोश फैल गया। X (पूर्व ट्विटर) पर वीडियो और पोस्ट्स से पता चलता है कि प्रदर्शन जारी हैं, जिसमें हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
केस का बैकग्राउंड: ‘लिटिल निर्भया’ के नाम से मशहूर कशिश हत्याकांड

घटना: नवंबर 2014 में पिथौरागढ़ जिले की 7 वर्षीय मासूम कशिश काठगोदाम (हल्द्वानी के पास) में रिश्तेदारों की शादी में शामिल होने आई थी। 20 नवंबर को शादी के दौरान वह लापता हो गई। पांच दिन बाद 25 नवंबर को गौला नदी किनारे जंगल में उसका खून से सना शव मिला। पोस्टमार्टम से पता चला कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया और फिर क्रूरता से हत्या कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

15 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट (जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मेहता की बेंच) ने निचली अदालत और हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया। मुख्य आरोपी अख्तर अली और दूसरे आरोपी प्रेमपाल वर्मा (जिसे 7 साल की सजा मिली थी) को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने पुलिस जांच पर गंभीर सवाल उठाए – कहा कि जांच में कई खामियां थीं, मामला केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर टिका था, और अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा। कोर्ट ने कहा, “सबूतों की कमी के कारण सजा नहीं दी जा सकती।”
परिवार की प्रतिक्रिया:
पीड़ित के पिता ने कहा कि उन्हें कोर्ट की कार्यवाही की जानकारी ही नहीं दी गई, फैसला रिश्तेदारों से पता चला। चाचा ने धमकी दी कि अगर सरकार रिव्यू पिटीशन नहीं दाखिल करती तो वे आत्मदाह कर लेंगे।
हल्द्वानी: कशिश हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भड़का गुस्सा, बुद्ध पार्क से सिटी मजिस्ट्रेट तक जुलूस
आज (18 सितंबर) सुबह बुद्ध पार्क से हजारों लोग जुलूस निकालकर सिटी मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यालय पहुंचे। महिलाएं, सामाजिक संगठन, स्थानीय निवासी और उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक कलाकार शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी अख्तर अली को फांसी की सजा दिलाने की मांग की। नारेबाजी हुई: “कशिश हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं!” और “बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
जुलूस के दौरान पुलिस से नोकझोंक हुई, लेकिन भीड़ कार्यालय पहुंची और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर फांसी की सजा नहीं मिली तो आंदोलन तेज होगा। हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने समर्थन दिया। लोक कलाकार श्वेता महरा, इंदर आर्य, प्रियंका मेहरा और गोविंद दिगारी ने भाग लिया।
कशिश हत्याकांड मामला: हल्द्वानी की सड़क पर उतरे लोग, आरोपी के खिलाफ फांसी की मांग
15 सितंबर के फैसले के तुरंत बाद रविवार को पिथौरागढ़ के रामलीला मैदान में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे। जौलजीबी बॉर्डर टाउन में भी प्रदर्शन हुए। लोग राज्य सरकार से रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की मांग कर रहे। एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। पीड़ित परिवार ने सरकार पर पैरवी कमजोर करने का आरोप लगाया। देहरादून में भी विरोध प्रदर्शन हुए।