श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (उत्तराखंड)के तत्वाधान में हल्दूचौड़ में हरेले पर्व पर कार्यक्रम,सावन के हरेला पर्व का विशेष महत्व बताया-
रिपोर्टर – हेम भट्ट

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में हरेला त्यौहार साल में तीन बार मनाया जाता है। चैत्र मास के पहले दिन बोया जाने वाला हरेला दसमी को काटा जाता है। यह हरेला त्यौहार गर्मी के मौसम की जानकारी का संदेश के लिए बताया जाता है। दुसरा हरेला अक्टूबर की पहली नवरात्रि में बोया जाता है जो दसमी को काटा जाता है। ये तीनों हरेला त्यौहार का सबसे महत्वपूर्ण हरेला जुलाई के महीने का हरेला माना जाता है। जो हरियाली का प्रतीक है।

वही आज श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (उत्तराखंड)के तत्वाधान में हल्दूचौड़ में हरेला पर्व पर वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रमजीवी पत्रकार यूनियन हल्दूचौड़ इकाई के संरक्षक व व्यापार मंडल अध्य्क्ष खीम सिंह बिष्ट मौजूद रहे तथा उन्होंने वृक्षारोपड़ कर कहा की प्राचीन काल से ही सावन के महीने में हरेला त्यौहार में पेड़ पौधे व पेड़ पौधों की क़लम करके लगाने की प्रथा चली आ रही है। वर्तमान समय में हरेला त्यौहार में उतराखड के पर्वतीय क्षेत्रों में पौधारोपण व फलदार वृक्षों को लगाया जाता है। इस अवसर पर हल्दूचौड़ यूनियन अध्य्क्ष जीवन पांडे ने कहा की प्राचीन काल से कहावत है सावन में हरेला त्यौहार के समय जो फलदार व छायादार वृक्ष लगाए जाते हैं व काफी अच्छे व फलते फुलते है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से (संरक्षक इकाई हल्दूचौड़ )खीम सिंह बिष्ट,जीवन पांडे (अध्य्क्ष पत्रकार यूनियन),योगेश दुम्का(महामंत्री),राहुल दुम्का
(उपाध्य्क्ष ),शैलेंद्र दुम्का(सचिव),देवेंद्र तिवारी(उपसचिव),हेम भट्ट(कोसद्यश),रोहित जोशी (कार्यकारणी सदस्य),सोमेंद्र सिंह (चौकी इचार्ज),कमलेश चन्दोला (जिला पंचायत सदस्य),रुक्मड़ी नेगी(अध्य्क्ष प्रधान संगठन),मुकेश दुम्का(पूर्व प्रधान),व्यापार मंडल पदाधिकारी व अन्य मौजूद रहे।